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Mehfil-e-Shayari
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बन्द मुठी से गिरती रेत की तरह।
Unknown
12:57:00 AM
dhadkane
,
kalam
,
kimat
,
muskura lete h
,
name
,
pehlu
,
मिज़ाज़
,
लौट आओ
बन्द मुठी से गिरती रेत की तरह।
भुला दूंगा तुझे ज़रा ज़रा करके।।
BAND MUTHI SE GIRTI RET KI TARAH
BHULA DUNGA TUJHE ZRA ZRA KRKE
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