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साज़िशें कितनी है मेरे खिलाफ चारो और।



साज़िशें कितनी है मेरे खिलाफ चारो और।

कसक बढ़ती गयी यारजी जब जब महसूस किया।।


Saajishen kitni hain mere khilaaf charo aur

kasak badhti gyi yaarji jab jab mehsoos kiya

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