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जाने कब मार दे मुझे कोई काफिर समझ के। शहर का शहर मुसलमान हुआ फिरता है।।

जाने कब मार दे मुझे कोई काफिर समझ के।
शहर का शहर मुसलमान हुआ फिरता है।।

 

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