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इक वादा था जो टूट गया


इक रिश्ता था जो रूठ गया।
इक वादा था जो टूट गया।।

तेरी दिल की तंग गलियो से।
मेरा आना जाना छूट गया।।

बैठा हूँ यारजी सहरा में।
मै अंदर -अंदर टूट गया।।

बाँधा था उम्मीदों की डोर से।
वो इश्क़ का धागा टूट गया।।

सोचता हु तेरा मगरमछ के आंसू बहाना,
अब भी है या छूट गया।।

मोहब्बत के फलसफे से अब तो।
भरोसा यारजी उठ गया।।

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