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मत कर घुमान यूँ हुस्न पे, मेरे रसूक के आगे। इस शहर में यारजी का नाम बहुत है।।


मत कर घुमान यूँ हुस्न पे, मेरे रसूक के आगे।
इस शहर में यारजी का नाम बहुत है।।

बे-कदर, बे-रहम, बे-हया, बेवफा।
आज तुझ पर इस दिल के इलज़ाम बहुत है।

तुझे सोचना, तुझे चाहना, तुझे खोना, तुझे भूलना।
इस दश्त में यारजी मुझे काम बहुत है।।


दर्द, ग़म, तड़प, जख्म, जुदाई।
मोहब्ब्त के यूँ तो अंजाम बहुत है।।

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